। अत: समझदारी इसी में है कि हम आने वाली पीढ़ी को परस्पर स्नेह संबंध रखना सिखाएं, ताकि वे सुखमय एवं शांतिमय जीवन जी सकें।अच्छे समाज का निर्माण हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है। जब हर व्यक्ति अच्छे काम करेगा और दूसरों को भी प्रेरित करेगा तो निश्चित रूप से समाज की उन्नति होगी।समाज निर्माण एक ऐसी व्यवस्था है जिसे बनाने के लिये किसी भी देश या सभ्यता को हजारों वर्ष लग जाते हैं। सामाजिक प्रणाली व उसके कार्य की रुपरेखा का संचालन इस बात पर निर्भर करता है कि उस सभ्यता का जन्म किन व कैसी परिस्थितियों में हुआ है।
एक अच्छे व सुदृढ़ समाज निर्माण के लिये यह आवश्यक है कि समाज में रहने वाले प्रत्येक वर्ग व समुदाऐ के हितों को ध्यान में रखते हुऐ ही इसकी रुपरेखा व कार्य प्रणाली का संचालन किया जाऐ। जिसका ज्वलन्त उदाहरण भारतवर्ष का समाज निर्माण है जिसे बनाने के लिये हजारों ॠषि-मुनियों, बुद्दिजीवियों व अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने अपने सम्पूर्ण ज्ञान का अनुचित प्रयोग करते हुऐ एक ऐसे परिपक्व भारतीय समाज का निर्माण किया जिसे आज पूरा संसार आदरणीय दृष्टि से देखता है।हमें मूल रूप से चरित्र पर ध्यान केन्द्रित करते हुए समाज में व्याप्त विसंगतियों को दूर करना होगा। इसके साथ-साथ हमें अपनी सोच सकारात्मक बनानी होगी जिससे हम अच्छे समाज का निर्माण कर सकें। हमें इसके लिए प्रकृति से प्रेरणा लेनी होगी और यह सोचना होगा कि यह संसार एक परिवार की भांति है। यह परिवार प्रेम के बल पर चल रहा है।
दहेज मुक्त समाज और मानव का कल्याण के लिए एक अच्छी मिसाल लेकर आए हैं संत रामपाल जी महाराज विश्व में नशा मुक्त भारत बना रहे हैं और जो भी बहन बेटियां आत्महत्या करती है देश के कारण वह भी संत रामपाल जी महाराज जी खत्म करवा रहे हैं देश में जैसे बीड़ी मांस तमाकू यह सब गंदा काम हो रहा है यह संत रामपाल जी महाराज अपनी भक्ति के द्वारा खत्म करवा रहे हैं तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी एक सभ्य समाज तैयार कर रहे हैं और इनके द्वारा ही पूरा भारत सोने की चिड़िया बन सकता है
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