शनिवार, 13 जून 2020

Eternal Home Satlok

सतलोक इस आत्मा का असली ठिकाना है। ये लोक अस्थायी है, नश्वर है। यहां की सब चीजें नाश्वान है।सतलोक में प्रवेश करने के लिए पूर्ण सन्त की शरण लेकर सतभक्ति करनी पड़ती है। तभी पूर्ण मोक्ष प्राप्त हो सकता है।सतलोक अमर शाश्वत स्थान है। वह कभी नाश में नहीं आता। न वहां पृथ्वी की तरह कोई प्रदूषण है, न वहां प्राकृतिक आपदा या कोई महामारी होती।सतलोक में वृद्धावस्था नहीं है न ही मृत्यु। वहां स्त्री पुरुष सदा जवान रहते हैं। जबकि इस मृतलोक का तो विधान है वृद्धावस्था व मृत्यु।

सतलोक ऐसा अमर लोक है जहाँ एक हंस आत्मा के शरीर का तेज 16 सूर्यों के समान है लेकिन उसमें गर्मी नहीं है।सतलोक सुख का सागर है। वहां किसी वस्तु का अभाव नहीं। वहां सभी वस्तुओं का भंडार है। पृथ्वी पर इंसान भूखे रहते हैं। वस्तुओं के अभाव में कष्ट पाते हैं। 
सतलोक में पृथ्वी की तरह कोई युद्ध, लड़ाई झगड़े, राग द्वेष नहीं होते। क्योंकि वहां किसी चीज़ की कमी नहीं। सबका अलग स्थान है। सबके अपने निजी विमान हैं। कोई अमीर गरीब का भेद नहीं।पृथ्वी लोक का राजा काल है जो सब प्राणियों को धोखे में रखता है, प्रतिदिन एक लाख मनुष्यों का आहार करता है, मारता है। जबकि सतलोक का मालिक दयालु परमात्मा कबीर साहेब हैं। जो सबके रक्षक हैं।सतलोक में एक तत्व का बना नूरी शरीर है। उसमें कोई रोग या बीमारी नहीं होती। इस लोक की काया नाश्वान है। इसमें मनुष्य को अनेकों रोग लगे रहते हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

गोवर्धन पूजा

दिवाली के बाद कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा पर गोवर्धन पूजा पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। इसमें हिन्दू धर्मावलंबी घर के आंगन में गाय के गोबर से गोव...